Saturday, December 29, 2012

illusion of my mind

as your voice lingers in my mind
as pain gains over all dreams of mine
as i run for cover to save what was mine
as the night's darkness add effects to my plight

slowly but surely one thing i'm going to realize
that this love was illusion of my mind

as this life goes on to meet destined end
as this time tells me same truth again
as i try to comprehend which makes a little sense
as this rain and wind pushes me to the brink

slowly but surely one thing i'm going to realize
that this love was illusion of my mind


as world moves on with frantic haste
as i stare into the motions as if amazed
as heart feels everything as if there is no pain
as this music of your smiles burns this soul

slowly but surely one thing i'm going to realize
that this love was illusion of my mind
 

Tuesday, December 25, 2012

पूरे चाँद की रात हैं ढल जायेगी

अपने हुस्न पे यों गुमा  न कर
पूरे चाँद की  रात हैं ढल जायेगी

जिंदगी का सफ़र कहते हैं लम्बा हैं
देख पलक झपकते ही गुजर जाएगी

उस हसीं के दर पे कौन दीवाना हैं
हाय! जान उसकी भी न बख्शी जाएगी

इमां का पक्का कहते हो खुद को शफ़क
उसकों देखोगे तो ये गलती भी सुधर जाएगी

सच्चे दिल को मत तोड़ना  ऐ नादां
वर्ना कयामात से पहले कयामात हो जाएगी 
 

सोचता हूँ

सोचता हूँ ये पिंजरे में बंद पंछी कैसे होंगे
फिर लगता हैं कुछ हम जैसे ही होंगे


रोज ही तो कहता था आँखों से हाल मेरे
सोचता हूँ कभी तो तुमने सुने ही होंगे

अभी अभी लौटा हूँ उस बस्ती से यार
शायद वहाँ कभी इंसान रहते ही होंगे

मानो या न मानो वो बला की हसीन हैं
फरिश्ते भी उसे मुड़ मुड़ के देखते ही होंगे

ठंड इतनी हैं की नब्ज़ जम ही जाये
फुटपाथ पे तो दो  चार मरे ही होंगे

आज गंगा नहाया हूँ बरसों बाद
कुछ बरस के पाप तो धुले ही होंगे

कुछ अच्छे काम  भी कर लूं शफ़क
आज कल तो जहन्नुम के रस्ते भीड़ भरे होंगे
 

Saturday, December 8, 2012

में खुद से कहूं या तुझ से कहूं

में खुद से कहूं या तुझ से कहूं
के अब शायाद तू ही कहें मेरी दास्ताँ
में जो मेरा था कभी  था खुद से नुमा
आज बन गया हूँ तेरा अक्स भर
करता हूँ बस तुझ को बयाँ


 

आसुओं भरी हैं रातें

आसुओं भरी हैं रातें
दिन मेरे जगमगा रहे है
दुनिया हैं बड़ी अजीब ये
सह रहे हैं सब फिर भी मुस्करा रहे है


जाने ये क्या बला है
किसीको यहाँ क्या मिला हैं
किसको मैं कहूं अपना यहाँ
हर चीज़ को ये अपना बतला रहे हैं


न जाने वो लड़ रहे हैं किसी से
मुझे बचा रहे हैं बता रहे हैं
मुझे फिक्र नहीं अपनी जरा भी
फिर भी मुझे मेरी फिक्र जता रहे हैं

अंधेरो से डरते हैं वो
आग हर जगह लगा रहे  हैं
रोशनियों का शहर हैं ये
अंधेरों को न जाने कहाँ  छुपा रहे हैं



 

जाने किस सफर पे हैं ये रूह मेरी

जाने किस सफर पे हैं ये रूह मेरी
क्यों ये खेचती है ओर बस ओर तेरी

डरती है हर पल कही जो होना हैं न हो जाये
जिसको पाया नहीं उसको खोने से डरती हैं  जिस्त मेरी


रोज यादों के चराग जलाती हैं फिर उनकी तपिश से झुलस जाती हैं
यूँ ही खुद को मिटाती है न जाने ये जां किस किये की सज़ा पाती हैं


यों ही मार वक़्त की सहती हैं पल पल जहर क्यों पीती हैं
जो मिली हैं सज़ा गमो में मुस्कराने की उसको निभा के जाने क्या सकूं पाती हैं


 

Monday, October 15, 2012

ऐ दिल बता...

ये राहें मुझे हाँ रोके हैं
मंजिलें मुझे हाँ टोके हैं
पर क्या पता मुझे जाना हैं कहाँ
ऐ दिल बता मंजिले मेरी हैं कहाँ

ये नज़रों के सारे  धोखे हैं
बदलते जो मौसमों से ये रिशते हैं
कसमे हाँ वादें वो नातें ,निभाएं न कोई यहाँ
ऐ दिल बता तो किसको कहूँ अपना यहाँ

ये प्यार जिसे हाँ कहते हैं
बाज़ारों में होतें जैसे वो ये सोदें हैं
जो बिकता  नहीं डिगता नहीं ,रहता हैं अकेला यहाँ
ऐ दिल बता कितना बिकूं क्यों बिकूं मैं यहाँ

ये शोर जहां में बड़ा गहरा हैं
हर निगाहं पे रोशिनियों का पहरा हैं
तो कैसे कोई सुन देख के पहचाने दिल को यहाँ
ऐ दिल बता कैसे जिएगा तू अब यहाँ 

Sunday, October 14, 2012

हाय हाय ये बेचारें दिल ...

पेड़ों की टहनियों पे लटके से ये दिल
कोई लटका हैं कई बरस से कोई दो चार दिन से
और माशुकाये AC में सोये without any bill
हाय हाय ये बेचारें दिल ...

कहा ये जाएँ किसकों सुनाएँ
यार सारे बोर हो गए हैं
सुन सुन के  इनकी अधूरी फ़िल्म
और माशुकाये  mall में घूमे without any frill
हाय हाय ये बेचारें दिल ...

पंडतों को पतरी ये दीखायें
उम्मीद से बड़ी प्रभु को नारियल भी  चड़ाये
रोज नए कपड़े पहन के जाये
साला हर कोई देख ले इनकों
और मशुकाये यूँ ही निकल जाये, रह जाएँ ये without any thrill
हाय हाय ये बेचारें दिल ...





Thursday, October 11, 2012

सब यूँ ही सही क्यों हैं

गर सब सही तो सब यूँ ही सही क्यों हैं
गर सब हैं गलत तो सब ही गलत क्यों हैं

मेरी हाथों की लकीरों में जो हैं वो क्यों हैं
और जो हैं नहीं तो वो नहीं क्यों हैं

हैं सवाल ही सवाल पर इतने क्यों हैं
आर जवाब नहीं इक भी तो ऐसा भी क्यों हैं  

खाली खाली सुने ये सब ये लम्हे क्यों हैं
गर इंतज़ार हैं अब भी तो वो भी क्यों हैं

माना के बेवजह हैं पर ये वजह बेवजह क्यों हैं
सोचता हूँ तुझे पर आखिर सोचता दिल क्यों हैं

लौट कर आ गया फिर वही पर आया क्यों हैं
ख़त्म नहीं होता ये सफर पर ये सफर क्यों हैं 

चल इंतज़ार ही ये मिटा जाये

रोका न जब उसने तो हम खुद ही चले आये  
भुलाते क्या हूँ तुझको हम खुद ही भुला आये

आँखे करती रही इंतज़ार हाँ इंतज़ार
हुआ जब न खत्म तो इंतज़ार को ही सफ़र बना लाये


सोचे तो क्या पाया हैं सोचे तो क्या खोया हैं
खुद को ही बस खुद से ही जुदा हम कर आये


न जाने क्या लिखी थी तक़दीर में हमारी जिंदगी
पर सकूं ये के तुझे तेरी जिंदगी दे आये


वजूद का मेरे तू अब भरम भी रखें तो क्या रखें
जो होने का था गुमां मुझको वो गुमां कही दफना लाये


चल चले कहीं दूर जहां हमको भी हम न मिले
चल सारे ख्वाब इस रात हम जला आये

चल अब चले इस रात को हम शफ़क
सबह वो शायद न आये चल इंतज़ार ही ये मिटा जाये
 

Sunday, September 16, 2012

दे थोड़ा दर्द मुझे

दे थोड़ा दर्द मुझे,
                        के फिर न कभी बेदर्द कहलाऊँ ।
मेरी भी हो कोई दास्ताँ ,
                            कुछ कहानियाँ मैं भी तो सुनाऊँ ।


कौन कहता हैं के कोई बात हैं
                            मैं तो कुछ भी न सुन पाऊँ
क्या कहते हैं ये सब के सब
                            कुछ भी शायद न मैं समझ पाऊँ


माना के जा रहे हो तुम
                          न कभी फिर तुम से मिल पाऊँ
हो इक तो मुलाकात वो
                           जिसकों ताउम्र न मैं भुला पाऊँ

क्या सही हैं हैं  क्या गलत
                          इश्क में इस कुछ भी न समझ पाऊँ
कर न शिकायत बेरुखी की मुझ से यूँ ही
                           कभी कभी तो मैं खुद को ही भूल जाऊं
 

Friday, August 31, 2012

अभी हो तू यही तो क्या हो

अभी हो उम्मीद तो क्या हो 
अभी हो गर कुछ तो क्या हो
अभी हो तू यही तो क्या हो

मैं चाहूं के पीरों के शब्दों में
दिल के अनकहे सारे जस्बात
दे दूं तुम्हे हाथों से लिख के तो क्या हो


मन चाहे हैं पहुचना जहां तक न जा पाऊँ
तुझको वो सब दिखलाना जो न दिखला पाऊँ
गर तेरे ख्वाबों में कभी ये कर पाऊँ तो क्या हो


आना चाहूं याद तुझको पर शायद आ न पाऊँ
चाहूँ तेरी आँखों में बसना पर पल को भी टिक न टिक पाऊँ
गर तू ही कभी देख ले पल को गौर से तो क्या हो


दो पल का भी साथ न हैं पर जिंदगी बिताना चाहूँ
ऐ दिल इतनी बेसबब खवाहिश ले के इस जहां में कहाँ  जाऊं
और हो ही जाये गर ये खवाहिश कभी पूरी तो क्या हो 

Wednesday, August 15, 2012

कितना सही हूँ कितना गलत हूँ

कितना सही हूँ कितना गलत हूँ
जैसा भी हूँ मैं तेरा ही हूँ

जाऊं यहाँ से कहाँ मैं हैं अब
जो भी हूँ मैं बस तुझ से ही हूँ

रोशन हो दुनिया जितनी भी चाहें
तुझ से रोशन रूह मैं, मैं तू ही हूँ

कैसे कहूं मैं कितना हूँ तेरा
मुझ मैं तू हैं और तुझ में मैं ही हूँ

क्या मैं दूं तुझको जो हो मेरा
तेरा दिया ही हैं , जो मैं मेरा कहूं

इतना तू करना मुझ पे करम
राहों पे सही बन के तेरा ही चलूँ








Sunday, July 29, 2012

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

जीने का ये missing angle हमने देखा ही नहीं था
सोचा था के बस हम  यूँ ही जीते जायेंगे
सुबह को ऑफिस और शाम को ऑफिस से घर जायेंगे
मिड ऑफ़ वीक में साथ मिले तो थोड़ी बेएर लगायेंगे
और वीकेंड पे हम यारों के साथ वक़्त बीतायेंगे


लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

इक कमरे में रहेंगे और उसे ही जन्नत कहलायेंगे
जब चाहे ताला लगा के कहीं घूमने निकल जायेंगे
घुमते घुमते थक गए तो कहीं पे भी सो जायेंगे
रोज लिखेंगे एक कविता और यारों का torture बढाएंगे
घरवालों को रोज खेरीयत की खबर मोबाइल से करवाएंगे


लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था 

कमाएंगे और उड़ायेंगे उड़ायेंगे और कमाएंगे
रोज न हम अकाउंट में बैलेंस का हिसाब लगायेंगे
ऐसे बेफिक्रे जियेंगे की दुनियां को काम्प्लेक्स दे जायेंगे
मकान से पहले गाडी लेंगे और उसमें पूरे gadgets लगवाएंगे
रोज शाम को यारों के साथ लॉन्ग ride पे निकल जायेंगे

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

नारी का पूरा सम्मान करेंगे और दूर से ही निकल जायेंगे
सिंगल ही रहेंगे न हम ready to mingle का बोर्ड लगायेंगे
दुनिया की बात सुनेगे और एक आध लड़की से मिल आयेंगे
ऐसे present करेंगे खुद को के rejection ही result पाएंगे
फिर घरवालों के आगे घड़ियाली चिंता जताएंगे

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

45 50 तक जम के काम करेंगे और retire हो जायेंगे
कही किसी छोटी सी जगह पे जा के फिर वक़्त बीतायेंगे 
वही पर कुछ social वर्क करेंगे और लाइफ का meaning पायेंगे
खाली वक़्त में पढ़ेंगे और या फिर लिखने बैठ  जायेंगे
कुछ वक़्त मिलेगा तो कभी कभी घर या यारों से मिलने जायेंगे

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

आखिर वक़्त जब आने लगेगा तो खुदा का भी शुक्रियां कर आयेंगे
न रहेगा कोई बोझ सीने पे शांति से  आँखे मूँद पाएंगे
जो भी कुछ होगा वो इस दुनिया को दे कर जायेंगे
वक़्त तक उस आखिर हम सदा मुस्करायेंगे और गुनगुनायेंगे
न किसी को खबर करेंगे बस यूँ ही चुपके से  निकल जायेंगे

लाइफ होगी थोड़ी complex सोचा ही नहीं था

Saturday, July 28, 2012

I'm going Home,to where i belong

be ready cause i'm going Home
to the place to which i belong
don't be sorry , no one has to be blamed
nothing is right nothing is wrong in the end

I'm going Home,to where i belong

yes i feel sad, yes i know what i had
but i guess it's time to pack up my bags
to clean up my garbage to make up some space
and to say final goodbyes

I'm going Home,to where i belong

I know, I would have loved to go far
with you i have come so far
to leave to forget you ,it' s going to be rough
and i don't know how all this will end

I'm going Home,to where i belong 

My friend , i hope that you will be strong
you will fight it till the end
you will reach up to the stars
and will shine like as always longed
I'm going Home,to where i belong

As i begin to take that road to Home
there are tears of joys and remorse
and my heart dosn't know what to what to feel
there is a deep silence , only thing which i could hear
I'm going Home,to where i belong

Friday, July 20, 2012

सोचता हैं तू ये क्या हुआ

तू तू ही रहा मैं न हुआ
मैं मैं ही रहा तू न हुआ
सोचता हैं तू ये क्या हुआ
और मैं कहता हूँ हुआ क्या 

चलता रहा बस चलता रहा
रास्तों को ही तय बस करता रहा
मंजिलों से बच के निकलता रहा
सफर की चाहत थी वो करता रहा

सोचता हैं तू ये क्या हुआ
और मैं कहता हूँ हुआ क्या


दुनिया में खुशियों की कमी न थी
तू गम को उसके ले साथ जीता रहा
प्यारा था वो तुझे जिंदगी से ज्यादा
शायद  इस लिए तू खुद से भी बचाता रहा

सोचता हैं तू ये क्या हुआ
और मैं कहता हूँ हुआ क्या

सही गलत के तराजू में तौलता रहा खुद को
सही भी जो   तुने सोचा था
गलत भी जो तुने सोचा था
बस यूँ ही फैसले करता रहा

सोचता हैं तू ये क्या हुआ
और मैं कहता हूँ हुआ क्या


जिंदगी भर यूँ जिंदगी के इंतज़ार में
जिंदगी से दूर हो के बस चलता रहा
खीचता था जब भी कोई तुझे तेरी और
तू उस से  ही न जाने क्यों  दूर होता रहा


सोचता हैं तू ये क्या हुआ
और मैं कहता हूँ हुआ क्या

Wednesday, July 18, 2012

मैं भी क्या पागल हूँ

पानी में आग चाहता हूँ
सहरा में सैलाब चाहता हूँ
मैं भी क्या पागल हूँ
तेरा प्यार चाहता हूँ

अँधेरे वीरानों से घिरा मैं
जो जला न सका कोई चराग
अजब दीवाना हूँ
रोशनी को आफताब चाहता हूँ


जानता हूँ आपके ख़्याल
आप नहीं चाहते मेरा साथ
फिर हर अंजुमन
तेरा ही साथ चाहता हूँ

जिन्हें प्यार हुआ नहीं इस जहां में

जिन्हें प्यार हुआ नहीं इस जहां में
उन्हें तुमसा न कोई मिला होगा

अजनबी अनजान चेहरों के बीच
कोई चेहरा अपना न लगा होगा

हम चले आये उस दिन उनकी महफ़िल से ये सोचकर
शायद उन्हें इस तरह मेरा इकरार बुरा लगा होगा

कोई बात नहीं हंस लो मेरे रकीबों मुझ पर
इस जहां में हर किसी का वक़्त आता होगा

तुमने चाहा नहीं पर ये तो मानोगे
तुम्हे कभी न कभी ये शख्श याद आता होगा

और हम जिए जाते हैं इसी आस पे
के शायद कभी न कभी हमारा मिलना होगा


मोहब्बत की नहीं जाती

मोहब्बत की नहीं जाती , मोहब्बत हो जाती हैं
जुबां से इकरार किया नहीं जाता,  बात ये खुद बयाँ हो जाती हैं


हर लम्हा सोचते हैं उसे और ढूँढ़ते हैं हर जगह
दीवाना बना नहीं जाता ,इश्क में दीवानगी हो जाती हैं

हाय !! आ जाये गर वो भूले से कभी मेरे दर
फिर इसमें उसकी क्या खता, क़यामत तो हो ही जाती हैं

न उनको हमसे मोहब्बत हैं, न ही पता हैं इस हाल का
फिर न मिले बहुत दिनों तक वो, तो बेफ़ाई की शिकायत हो जाती हैं


हम क्या करे

अभी क्यों उठ के चल दिये
बताओं अब हम क्या करे

चराग सौ हैं जल रहे
बताओं इनका क्या करे

गिला नहीं हैं तुमसे अब
गिला कर के अब क्या करे

ख्वाब देखे थे हज़ार मैंने
अब इन खाव्बों का क्या करे


इक सबह का इंतज़ार रहा
उम्र भर इस दिल को
वो सबह ही न आयी
तो बताओं यार हम क्या करे 

कुछ न पूछों

यारों कुछ न पूछों क्या होता हैं
उसकी हर इक मुस्कराहट का हासिल इक जां होता हैं 

Tuesday, July 17, 2012

इतनी नफ़रत क्यों हैं ??

इतनी नफ़रत क्यों हैं इस फिज़ा में
क्यों हैं वो खफ़ा तेरे से हर निगाहं में

इतना सा भी भरम तेरा न रख पाता हैं वो
हैं अजनबियों सा पर खफा हैं कुछ दोस्तों की तरह से


गलत ही हो शायद दिल  तू अपनी हर वजह में
सच उसका हर भरम हो अपनी जगह पे

तोड़कर तेरा दिल बार बार क्या चाहता हैं वो
शायद कुछ सकूं पाता होगा तेरी दर्द से भरी आह पे

खुद से क्यों गिरा देता हैं बार बार तुझे अपनी ही निगाहं में
शायद तेरा होना उसे मंज़ूर नहीं किसी भी वज़ह से




Sunday, July 15, 2012

???

मेरा दर्द ले थोड़ा सा डाल दे
इस खाली पड़े जाम में
पी गया बहुत हूँ और देख जी भी लिया बहुत हूँ
न डर यार बाँट दे थोड़ा सा बेरंग से इस जहां में
 
वो कहते हैं मेरे बालों की रंगत को देख के
के इश्क करने के दिन तो तुम्हारे नहीं लगते
मैंने कहा ये बला हैं वो बला, बाटंता हैं खुदा जिसे बड़े बेहिसाब से
बच न पाया कोई उसके शबाब से , गर देख पाया वो उसकी निगाह में

मिलने वाले देखते हैं नज़र  भर भर के खुली खुली निग़ाह से
पूछ्ते हैं क्या मर्ज़ हैं क्या दवा हैं ,लेते भी हो क्या कभी हिसाब से
हमने कहा लामर्ज़ हूँ लादवा हूँ , बस ये अब तुम दुआ करों
गर उसका दर न मिले ,तो बुला ले खुदा अपने जहां में

Thursday, July 12, 2012

वो मुझे दर्द दे पर जिगर न दे

वो मुझे दर्द दे पर जिगर न दे
वो मुझे प्यास दे पर फ़िक्र न दे

मैं चलता रहूँ यूँ ही बस यूँ ही
वो मुझे कोई दुनिया की खबर न दे

रास्तें और रास्तें हर सबह एक सफर तो दे
जिंदगी में जाना वहां हैं ऐसा कोई जुनूं न दे

कोई कहता हैं तो कहता रहे दीवाना हमको समझता रहे
बनना हैं मुझको ओरों  सा ऐसी कोई कसक न दे

हाँ जानता हूँ जो जानना था मानता हूँ जो मानना था
मुझको वक़्त को बदलने की अब कोई बेचैनी न दे



Wednesday, July 11, 2012

वो मेरी तन्हाई नहीं सुनता

वो मेरी तन्हाई नहीं सुनता
वो मेरा दर्द नहीं बीनता

मैं  आया यहाँ तक जिस आस  पे
वो उस पे गौर भी नहीं करता

माना हूँ अजीब अजीब चाहते हैं दिल की
कोई पर हमें अब क्यों इंसानों मैं नहीं गिनता

जान ले ले अगर  वो चाहे अब
इस कंगाल से अब देते कुछ नहीं बनता

कहते हैं के दिल से चाहों तो क्या नहीं मिलता
पर क्या करे इस  बेचारे से चाहते अब कुछ नहीं बनता




Saturday, June 30, 2012

मैंने टूटे फूटे टुकडों पे दिल के

मैंने टूटे फूटे टुकडों पे दिल के
मरहम किया हैं इंतज़ार का

आना हो तो वो आ ही जाये
यों लिया हैं इम्तेहान प्यार का

वो पूछते हैं के ये क्या बला हैं
ख़ामोशी ने मेरी दिया जवाब हर सवाल का

देखो सब जा रहे हैं महफ़िल से उठ के
और निगाहें ये बेसबब ढूंढे चेहरा यार का

कह लो कुछ भी "शफ़क" तुम हो यार मेरे
पर ये प्यार था लिखा शायद उस जहान का

खाली खाली जब लम्हे ये सारे

खाली खाली जब लम्हे ये सारे
पूछते हैं के हैं वो क्यों खाली
मन करता हैं के कह दूं झिड़क के
खुद से रंग भर लो न हैं हम खाली


पूछती हैं जब ये दुनिया हमसे
के सोचा क्या हैं क्या हैं ख्वहिश तुम्हारी
मन करता हैं के चिल्ला के कह दूं
क्यों पीछे पड़े हो हमें हैं तन्हाई प्यारी

सिखा रहे हैं हमें कुछ न कुछ सब आज कल
बता रहे हैं सारी बड़ी सारी गलतियां हमारी
माना के हम गलत हैं गलत हैं राह ये सारी
पर हमने कब कहा के कोई मंजिलें हैं हमारी


जीने के जिंदगी हैं न जाने कितने तरीके
किसने हैं बुझा किस तरह के हैं ये सलीके
हमने कब तौला हैं किसी को जिंदगी में
क्यों मापती हैं कसौटी पे कायनात जिंदगी को हमारी










Monday, June 18, 2012

सुना हैं मसीहाओं की मौत नहीं होती

सुना हैं कई ख्वाबों की उम्र नहीं होती
जवाबों को कई सवालों की फिक्र नहीं होती


रहगुजर ही ये ऐसी हैं के मंजिलों की जुस्तुजू  नहीं होती
रात ही हैं ये ऐसी के सुबह की कोई ख्वाहिश नहीं होती


क्यों हो मोहब्बत मेरी तेरे जैसी कभी कभी  मोहब्बत में पाने की आरज़ू नहीं होती
जिंदगी जी रहा हूँ बेसबब बेपरवाह ,दुनिया को न जाने क्यों ये बात मुकरर  नहीं होती


सोचता हूँ के जाने दूँ यों ही सब कुछ के अब कुछ अपना कहने की शिदत नहीं होती
मिट जाने का शौक हैं मुझे मसीहा न बनाओ सुना हैं मसीहाओं की  मौत नहीं होती

Sunday, June 17, 2012

मुझे इक पल खुदाई का तो दे

दरवाज़ा खोल तो दूँ  इस घर का
पर इंतज़ार मैं हूँ वो दस्तक तो दे

हर बार नजर फेर लेता हैं मिल जाये अगर 
कभी तो नजर भर मेरे होने का ऐहसास तो दे

न जाने कर चूका हूँ मैं कितने सवाल 
अब सोचता हूँ के वो कोई जवाब तो दे

कौन जाने कहाँ तक हैं मेरी बेफाई के चर्चे
मुझे मुक्तसर ही सहीं सफाई का मौका तो दे

वो कहे तो इक ही पल मैं हो जाने दूँ सब फनाह
पर मेरा खुदा वो मुझे इक पल खुदाई का तो दे








Saturday, June 16, 2012

इक सपना देखता हूँ...




इक सपना देखता हूँ
मैं चल रहा हूँ बादलों के ऊपर

गम की बारिशों से परे
मैं जी रहा हूँ बिन हवा के ऊपर

सितारे देख के मुस्करा रहे हैं
और चाँद रश्क कर रहा हैं मुझ पर

सूरज लग रहा हैं कुछ बुझा बुझा सा
सोच रहा हूँ वो भी मुस्करा दे मुझ पर

बिजलियाँ कड़क रही हैं कभी कभी
जता सा रही हैं थोडा रौब मुझ पर

देखता हूँ वहाँ से अपनी जमीं को
नज़र आती हैं तेरे नीले सफ़ेद दामन की तरह कुछ

Friday, June 15, 2012

वो खो के गया बहुत कुछ ...

वो खो के गया बहुत कुछ
वो पा के गया बहुत कुछ
न सोच के तुने क्या दिया उसे
वो ले के गया बहुत कुछ

वो यादें ,वो बातें
वो तेरे किस्से , वो मीठी रातें
दिल में ले के गया वो
दे के तुझको अपना सब कुछ


सोच न कहा गया वो
आने वाला न  हैं वो
आंसू बहुत उसने बहुत  पिए थे
बन के तेरा गया हैं वो अब कुछ


होता हैं ये  सब होता हैं
न उसने कहा न तुने कुछ
आंसू न तेरी आँखों में आयें
इसलियें गया बिना कहे सुने कुछ

याद आये तो याद करना
बीते सुनहरे लम्हों की तरह कुछ
दोस्त नए बनाना ,सदा मुस्कराना
यही चाहत ले के वो गया कुछ 







ऐ खुदा !!!

तू क्या हैं मैं क्या हूँ
जो तू हैं वो मैं हूँ
तेरा ही हूँ  , तुझ में ही तो मैं हूँ

ऐ खुदा  ,ऐ खुदा 


जाना कहाँ हैं मुझे
जगह जब हर मुझे तू ही हैं दीखे
जो तू हैं वो सब हैं

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

न कर यूँ शर्मिंदा
न दे गरूर, जरा भी तिनका सा
तेरे आगे मैं हूँ क्या

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

ये पूछे हैं मैं कौन हूँ
और मैं बुझु के तू कौन हैं
न दे इंतना इंतज़ार सदियों सा

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

खुद में अब मिला ले मुझे तू
भटका हूँ घर बुला ले मुझे अब तू
जाया न हो जाये कही ये जिंदगी

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 







हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं ... :)

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

और सोचते हैं हम, क्या इसमें कुछ हमारा हैं
क्या कभी तेरी बातों में नाम हमारा हैं
क्या कभी तेरे ख्वाबों में आना जाना हमारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

जिंदगी भर रहेंगे तेरी, याद के हम सहारे
क्या कभी तुने सोचा के , क्या हाल हमारा हैं
जब नहीं हैं तेरे रूबरू, तो क्या जीने का सहारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं


जब गुजरते हो जान के अंजानो की तरह
सोचते भी हो क्या ,हर पल इंतज़ार हमें बस तुम्हारा हैं
बीतेगी कैसे इक जिन्दगी ,जिसकी उम्मीद बस प्यार  तुम्हारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

सोचकर तो चला था मगर , खीच लाया ये दिल फिर वही
सोचा भी हैं क्या कभी , क्यों बेताब  दिल ये हमारा हैं
क्यों देख के यूँ ही ,गुजार रहा ये दिन ब दिन सारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं













Tuesday, June 12, 2012

More than four thousand four hundred hours

Counting on the months and counting on days
i kept standing there just adding hours to life
now i feel it is so much time ,i spent waiting for you
and it is already more than four thousand four hundred hours


Believe me i never wanted to go as i longed to be here with you forever
but as i searched into your eyes to see a little love fire
i could not find what i desired, it has been happening since a long time
and it is already more than four thousand four hundred hours


Destiny is what they say it is
and i feel we could have changed the way it is
tried very hard to not pretend , to show how much i care
and it is already more than four thousand four hundred hours




wish i could turn back the time
i could go back to the place where you smiled back at me
never to let go that feeling , struggling to live this way forever
and it is already more than four thousand four hundred hours












Wednesday, June 6, 2012

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल
और रोता हूँ  हैं क्या  ये आने वाला कल

सच ही तो हैं की वो नहीं हैं मेरा
वरना क्या हैं जो रोक सकता मुझे जीने से ये पल

ऐ दिल क्या करे ,अब और हम क्या न करे
जो भी था वो अब महसूस हुआ था बस कल

कहाँ जाऊं क्या सुनाओ किस को  मैं अब
डर हैं आज के ये  राज़, हसेंगे मुझ पे दिल खोल के कल

क्यों सोचता हूँ "शफ़क " के क्या सोचूंगा कल मैं इस पल
उससे पहले जीना जरूरी हैं मुझे वो आने वाला कल






तेरी राहों से गुजर जाने के बाद

तेरी राहों से गुजर जाने के बाद
याद रहता नहीं कुछ ,तेरे याद आने के बाद

क्या करे तेरा गम बहुत हैं इस जिंदगी के लिए
सोचेंगे और कुछ  सब ये गुजर जाने के बाद

फैसला हम करेंगे तो क्या करेंगे
टालेंगे फैसलें की घडी ,अगली अमावस के बाद

जाने वालें गए हम पे हंस हंस के
हम भी हंस लिए  नासमझी पे उनकी ,उनके जाने के बाद

कहते हैं वो के "शफ़क" तू तो पागल हैं
पर क्या मैं जी लेता इंसा हो के ,इतना कुछ होने के बाद






Tuesday, June 5, 2012

कितना अनजाना सा हूँ...

कितना अनजाना सा हूँ ,फिर भी पहचाना सा हूँ
जब भी चुराएँ तू मुझसे आँखे ,लगता हैं मैं कोई कल पुराना सा हूँ


जैसे नदी के दो किनारे दूर से ही एक दुजे को निहारें
उतनी प्यास हैं मेरी ,पर मिलना नहीं बस में हमारे


हाथों की लकीरों से कैसे करूं मैं शिकायत
जब हौसला नहीं कुछ कहने का , तो रोना ही लिखा होगा नसीब में हमारे

खोया हैं मैंने सबकुछ , पाया नहीं हैं कुछ
जिसको पाना हो नामुमकिन , उसकी ही आस पे दिल ये दिन क्यों गुज़ारे


चल चलें यार कहीं ,दिखें न ये घाव कहीं
जो हैं प्यार मेरा तेरे लिए ,उसे अब इस जहां पे निसारे







Sunday, June 3, 2012

So GoodBye my friend

I waited for too long
because what i felt was too strong
but now i think i wasted  myself on you
Sorry but i think it is true

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

I know deep within my heart
that you always wanted me to stay away
that's why i think it would mean nothing to you
nevertheless it's my life story and somewhere it should end

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

my heart i know you would have liked to see a diffrent end
to see me fighting it till the end
but i cannot take it anymore
i do not want to be hostage of you anymore

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye


i want to be feel free as i felt always before
i want to be same as i was years before
yes i know it is going to be tough
still i think this life needs something to live for

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

and when i say these words
it doesn't mean that i'm not in love with you anymore
it's just that i accept the reality
and i will not wait for you anymore

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye


Sunday, May 27, 2012

हर बार यही सोचता हूँ...

हर बार यही सोचता हूँ, तुझे देखने के बाद 
कल से नहीं सोचूंगा कुछ ,तुझे देखने के बाद
पर  तमन्ना हैं के छोड़े ही नहीं , सजा ही लेती हैं 
कुछ ख्वाब नये ,रोज तुझे देखने के बाद 

कौन हो तुम तुम ही तो हो

मेरी इन आँखों की चमक
मेरी इन बातों में नमक
रहे जो सीने में वो धड़क

कौन हो तुम तुम ही तो हो
मेरी जाँ ,मेरी जाँ


जिसके आगे हूँ मैं  बेबस
जिसकों सोचू मैं बेसबब
रहे जो मेरे खवाबों में कसक

कौन हो तुम तुम ही तो हो
मेरी जाँ ,मेरी जाँ

जो रंगी हो वो शाम हो
सुबह से लबों पे हैं वो नाम हो
रहे जो हरदम अधूरी सी जिंदगी की वो आस हो

कौन हो तुम तुम ही तो हो
मेरी जाँ ,मेरी जाँ




ऐ जिंदगी मेरी जिंदगी

सुबह की किरणों की तरह से, मेरी पलकों से छन के आ 
अब आ जरा कुछ इस तरह से, के नया सवेरा दिखाने आ 

ऐ जिंदगी मेरी जिंदगी 

रह गए थे कुछ जो फासलें, अब मिटाने उन को आ 
मेरी रूह को उसके खुदा से, अब मिलाने तू हैं आ 

ऐ जिंदगी मेरी जिंदगी

कुछ बात न कर बस साथ चल, कुछ देर ये मेरी राह चल 
जो खो दिया था मैंने पा के भी, था हैं क्या अब ये बताने आ 

ऐ जिंदगी मेरी जिंदगी




Sunday, May 6, 2012

तेरे रूबरू , तेरे रूबरू ...

जो कहना था वो न कह सका 
जो करना था वो न कर सका 
मैं था वही जो मैं था नहीं 
तेरे रूबरू , तेरे रूबरू 

तेरे आने की ख़ुशी भी थी 
तेरे जाने के गम भी थे 
पर चाह के भी न जता सका  
तेरे रूबरू , तेरे रूबरू 


हूँ कशमकश में जी रहा 
हर लम्हा इक आस पे बीत रहा 
बारहा किया इकरार, पर न कर सका 
तेरे रूबरू , तेरे रूबरू 


इन आँखों में हैं जो पढ़ भी लो 
जो लबों तक न आये उसे अब सुन भी लो 
हूँ मैं बेकस, हूँ मैं बेबस 
तेरे रूबरू , तेरे रूबरू 

Tuesday, May 1, 2012

इंसान इक खुदा हो जाने को हैं

कर रहा था कबसे जिसका इंतज़ार 
लगता हैं वो तूफान आने को हैं 
दिल जरा सभल जा जरा 
तेरा ये आसमान सुर्ख हो जाने को हैं 


उम्मीदों का शहर तेरा ये अच्छा हैं मगर 
इक लम्हा उसे अब रोंद जाने को हैं
नाज़ था जिस पे तुझको 
वही अब बस याद बन तडपाने को हैं  


कह न पाया कुछ तू 
अब ये जहां दास्तान सुनाने को हैं 
जा बहा ले आसूं दिल कितने भी अब 
ये बस अब आग ये बुझाने को हैं

क्यों समझती रही दुनिया इंसान मुझकों 
गमे जिंदगी रूह ये पी जाने को हैं 
जहर ये न मिटा पायेगा मुझको 
इंसान इक खुदा हो जाने को हैं 

 

शायद यही मेरी खता हैं ...

समझा  रहा हैं शायद मुझको कुछ वो इशारें से 
और नादान मैं समझ ही न पाऊँ , शायद यही मेरी खता हैं ।।


उम्मीद इतनी हैं के ,हज़ार तूफ़ान भी बुझा न पायें 
और अब भी लड़ रहा हूँ मैं, शायद यही मेरी खता हैं ।।


दिल में हजार उलझन, रूह में हजार पेबंद 
इक भी तुझे न दिखा पाऊँ ,शायद यही मेरी खता हैं ।।


इक तो प्यार किया तुझको अपने वजूद से भी ज्यादा 
और उस पे तुझे भुला न पाऊँ, शायद यही मेरी खता हैं ।।


रह रह के जा रही हैं , इक बार में क्यो न जाये 
हैं जान भी मेरी तेरी याद जैसी, शायद यही मेरी खता हैं ।।







Sunday, April 15, 2012

I'm Sorry!!!

May be I'm doing it all wrong again
May be you'll hate me even more after this ends
May be you'll never ever understand Why?
But let me say one more time
I'm Sorry ..believe me I'm Sorry 

I know it is too late for you to even count
I don't know why? I failed every time i tried
To say what i felt each second which went by
But let me say one more time
I'm Sorry ..believe me I'm Sorry

I'll understand if you'll choose not to listen
I'll give way when you'll think it is still not even
I'll take it even if you find yourself later a bit unreasonable
But let me say one more time
I'm Sorry ..believe me I'm Sorry

I know sometimes it is hard to forgive
I know sometimes it is not easy to unlearn the pain
I know when you'll say it was just not right  
But let me say one more time
I'm Sorry ..believe me I'm Sorry

You may have already forgotten what we had
May be for you it was not the same as i had
I  think that will make things look a little more bad 
But let me say one more time
I'm Sorry ..believe me I'm Sorry 

 

Friday, April 13, 2012

सच सच हैं मगर हमें क्यों यकीं नहीं होता

सच सच हैं मगर हमें क्यों यकीं नहीं होता
इतना कड़वा क्यों हैं के गले के नीचे नहीं होता

तेरी यादें हैं ऐसी के मैं तन्हा हो के नहीं होता
जाऊ ऐसे भी कैसे हौसला तेरे बिन  नहीं होता


माना के कुछ भी नहीं हैं पर सोचता हूँ क्यों नहीं होता
ढूँढता हूँ जिस पल को वो पल कभी क्यों नहीं होता

हर रात इंतज़ार मैं हूँ पर वो सवेरा नहीं होता
जाने कहाँ जाऊँगा पर सफ़र क्यों शुरू नहीं होता




तुझे मिल आये हैं आज भी

तुझे मिल आये हैं आज भी 
दिल जला लाये हैं आज भी 

रहबर तुझसे बात की देर तक 
पर दिले जस्बात छुपा लाये हैं आज भी 

इंतज़ार मिटा आये कई दिनों का 
पर हासिल कल का इंतज़ार लाये हैं आज भी 

बता आये हाले दुनिया तुमको 
पर दर्दे दिल छुपा लाये हैं आज भी 

दीदे यार से मुन्नवर कर ली आँखे 
पर होशे दिल गुमा लाये हैं आज भी

Friday, April 6, 2012

ये कोशिश हैं

मेरी कागज के फूलों में खुशूबू तलाशने की ये कोशिश हैं
तुझे भूल जाने  की इस  नादां दिल की ये कोशिश हैं


तन्हा हूँ तन्हाई को तनहाइयों से मिटाने की ये कोशिश हैं
मैं सच हूँ मेरी सच को भुलाने की ये कोशिश हैं

मेरी ये मुस्कराहटें तेरी मुस्कराहटें भुलाने की ये कोशिश हैं
जाना चाहूं न कहीं पर ये सफ़र चाहते मिटाने की ये कोशिश हैं

लिखता हूँ  जाने क्या मगर दर्द को लब्सों में उलझाने की ये कोशिश हैं
क्यों हैरां हो मेरी खमोशी पर अब खामोश हो गुजर जाने की ये कोशिश हैं 
  

Thursday, April 5, 2012

you my friend must believe in you

when success eludes you
when misfortune preludes you
when your qualms cloud you 
you my friend must believe in you 


when what you not desire is you
when world exemplify a failed you 
when they always remember the imperfect you
you my friend must believe in you

when your words turn against you
when your own begin to leave you
when you are faced with ugly you 
you my friend must believe in you

when you've nothing n everything is you
when nobody is ready to bet on you
when every breath counts n your only chance is you
you my friend must believe in you

Tuesday, April 3, 2012

यूँ ही

निगाहें नूर इतना , के इस दिल में रोशनाई हैं
इन आँखों की ही चाहत हैं , के मरने पे बन आयी हैं ।।

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सुनते आये हैं शहर भर से चर्चे तेरे
मुझे हुस्न की एक झलक दिखाने में तेरा क्या जाता था

हर निगाह तेरी कातिल सा असर रखती हैं
मुझे भी यह दिखाने में तेरा क्या जाता था   

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हैं मेरे ख्यालात पे काबिज़ तू इस कदर
भुलाने पे याद आती हैं खुदा की तरह

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जिसको मैंने ख़ुशी समझी वो गम निकला
हाय ! कितना बेरहम तेरा रहम निकला

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हर ख़ुशी अब हम तक आते आते घबराती हैं
शोक़े गम हैं मुझे इस कदर यारों

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तेरा नाम लेने से दिल को क्या सकूं
वो तो इक चर्चा हैं क़यामत का

  

क्या दवा करे कोई

इस गमें दिल की क्या दवा करे कोई
जी के क्या करना हैं क्यों जीने की दुआ करे कोई

दर्खुवार हैं हम जब सितमे वक़्त
क्यों न राहों में मेरी कांटें बोया करे कोई

तेरे दर पर लगा हैं खुशियों का मेला संगदिल
क्यों मेरी जख्मों की पुरशिश को आये कोई  

कल तलक तो हमने भी पहरेदार लगाए थे
पर अब क्या हैं मेरे पास क्या छीनने आये कोई
 

चलते जाना हैं ...

काली रात अंधे रस्ते
फिर भी चलते जाना हैं
दूर सही मंजिल तेरी
फिर भी उसे तो पाना हैं

व्यर्थ सही हर जतन तेरा
पर खाली समय क्यों गवाना हैं
क्यों सोचे तू हैं रातें काली
अरे सवेरा कभी तो आना हैं


पर सोच ये न बैठ चुपचाप
तेरा धर्म कर्म करते जाना हैं
ले विश्वास अटूट शिला सा
तुझको आगे बढते जाना हैं 


क्या हुआ जो चुभते हैं कांटे
जलती हैं  ये साँसे
इसको समझ इक और वसंत
तुझे सिर्फ चलते जाना हैं   


  

Sunday, April 1, 2012

सच को भुलाने...

सच को भुलाने मैं बेठा यहाँ पे
यार मेरे अब मुझको पिला दे
इतनी पिला के मेरे होश गवाँ दे
जिंदगी हम ये बेहोश बिता दे


याद न आये जहाँ  कोई हमको
ऐसी  हमें कोई जगह बता दे
चाहूं मैं अब वो हमको भुला दे 
 तू न मेरा अब उसे कोई पता दे

कैसे मैं सहता वो मीलों सी दूरी
रह के पास अजनबियों सी मजबूरी
पल पल मैं मरता जी न पाता
कभी वक़्त मिले तो उसको ये समझा दे

माना मैंने सही को थोड़ा गलत सा किया
पर क्या कोई ओर रस्ता था जरा मुझको बता दे
यूँ न देख मुझे मुजरिमों की तरह
सही मैंने किया बस ये मुझको बता दे

 











 




Thursday, March 29, 2012

मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ

इन फूलों से पूछों, इन हवाओं से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम इन  घटाओं से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं

करता हूँ जो उस इंतज़ार से पूछों , जीता हूँ जो उस सवाल से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम मेरे इन गुजरते लम्हों से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं

टूटती नहीं जो उस आस  से पूछों , बुझती नहीं जो उस प्यास से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम मेरे इन बिखरे बिखरे ख्यालों से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं



 



रहने दे यार अब जाने दे ...

रहने दे यार अब जाने दे
जी चुका हूँ मैं अपने नसीब की
अब तू मुझे लौट जाने दे
मुझे अब अपने से मिल जाने दे

रहने दे यार अब जाने दे

न थाम अब तू हाथ मेरा
न रोक नज़रों से रस्ता मेरा
अब तू मुझे भटक जाने दे
मुझे तू अब कही खो जाने दे

रहने दे यार अब जाने दे

कर चुका हूँ सदियों सा इंतज़ार
इंतज़ार अब ये खत्म हो जाने दे
ये बेबसी ये बेकसी ये मेरी खुद से दुश्मनी
मुझे खुद से अब मिट जाने दे

रहने दे यार अब जाने दे

उम्मीद  की डोर से क्यों बांधे हैं तू मुझे
अब मुझे जरा बिखर जाने दे
इस जमीं इस आसमां इस जहाँ में
मुझे अब जस्ब हो जाने दे

रहने दे यार अब जाने दे 




 



Wednesday, March 28, 2012

कुछ कह देते तो...

कुछ कह देते तो कुछ कहने की बात न रहती
जीने की यार मेरे कोई आस न रहती
इसलिए तो चुपचाप से फिरते रहें
सहते रहे सहते रहे और सहते रहे

कुछ न करूँ कुछ न कहूं खुद से हम कहते रहे
मालूम ही था मंजिलें अपनी जुदा हैं
इसलिए हम यूँ ही राहों में भटकते रहे
सहते रहे सहते रहे और सहते रहे

क्यों चलते वो कदम दो साथ क्यों करते हम दो बात
जब राहों में बेहतर उन्हें उनकी हज़ार मिले
इसलिए तो हम यूँ ही इन अंधेरों में छिपते रहे
सहते रहे सहते रहे और सहते रहे

जानूं  हूँ मैं उसकी हैं कोई खता भी नहीं
किस्मत में जो नहीं था वो हैं भी नहीं
इसलिए तो करने से दुआ भी खुदा से बचते रहे
सहते रहे सहते रहे और सहते रहे

Tuesday, March 27, 2012

कर हौसला , तू कदम बढ़ा

कर हौसला , तू कदम बढ़ा

ये गम तो बीत ही जायेंगे
पर पल न फिर ये आयेंगे
गर गिरा हैं तू तो खुद को उठा
गर जला हैं तो खुद को बुझा

कर हौसला , तू कदम बढ़ा

माना जो चाहा वो हुआ नहीं
हाँ सही हैं तू कुछ गम मना
पर दिल से न इस को लगा
जरा मुस्करा नज़र उठा

कर हौसला , तू कदम बढ़ा
हार भी हैं जीत भी
हैं ये जिंदगी की रीत ही
कितनी बार गिर के संभला हैं तू
याद जरा खुद को दिला

कर हौसला , तू कदम बढ़ा

रोज उतरता हूँ कुछ सीड़ियाँ

रोज उतरता हूँ कुछ सीड़ियाँ नीचे की तरफ, चड़ते सूरज का यों एहतराम करता हूँ मैं|

जब भी गुजरता हूँ तेरी ओर से खामोश, थोड़ा थोड़ा हर बार खुद से गुजरता हूँ मैं ।।

हर दिन यूँ ही गुजरता हैं हर शाम यूँ ही तन्हा, हर रात नयी सुबह के इंतज़ार में जगता हूँ मैं ।

कल की उम्मीद ही हैं जो कल हैं मेरा, वर्ना हर पल क्यों इतने तुफानो से लड़ता हूँ मैं ।।


दुश्मनी किसी से नहीं खुद से ही हैं अपनी, ऐसे ही नहीं बार बार तुझे देख के जला करता हूँ मैं ।

बहुत दौड़ लिया मैं वक़्त के पीछे पीछे, अब यूँ ही चुपचाप उसे गुजरने दिया करता हूँ मैं ।।

कई ख़वाब शायद और भी हो इस दिल में, पर दिल की जरा अब कम ही सुना करता हूँ मैं ।

वो दिन जो गए तो अब हम भी चले कही ओर "शफ़क", इस शहर से न उतना प्यार अब करता हूँ मैं ।।

तेरी यादें .. तेरी यादें.. तेरी यादें ..

मैंने कुछ कागजों पे लिख ली हैं
कुछ रंगों से भर ली हैं
मैंने कुछ रख ली हैं , संभाल के इक दराज में
तेरी यादें .. तेरी यादें..  तेरी यादें ..

सोचता हूँ जब तुम चले जाओगे
और फिर जब याद आओगे
तो मैं पल वो फिर से जी लूँगा ,फिर से  महसूस कर लूँगा
तेरी यादें .. तेरी यादें..  तेरी यादें ..

जानता हूँ था कुछ नहीं
जानता हूँ होगा कुछ नहीं
फिर भी रख ली हैं तुझे बिना बतायें जो , वो मेरी हैं जिंदगी भर
तेरी यादें .. तेरी यादें..  तेरी यादें ..
 
मांगू क्या खुदा से अब
दे सकता हैं वो मुझे क्या अब
छीन के तुझे उसने, उम्र भर के लिए दे दी मुझे
तेरी यादें .. तेरी यादें..  तेरी यादें ..  


Friday, March 23, 2012

ख़ामोशी भी इतनी बेवजह नहीं होती

ख़ामोशी भी इतनी बेवजह नहीं होती,
                                              माना तन्हा हैं तू पर तन्हाई बेवजह नहीं होती|
जाने वो कब कहाँ से आ जायें,
                                            धड्कनो में हलचल बेवजह नहीं होती ||

तेरे दिल में हैं वो हरदम,
                                    और तू उन निगाहों में नहीं |
फिर भी भूले से गर वो देख ले,
                                    बैचेनी इन साँसों में बेवजह नहीं होती ||




अब क्या होगा जो भी होगा वो तो होगा

अब क्या होगा जो भी होगा वो तो होगा

ख्वाबों को ले उड़ना होगा

पर्वतों पे चड़ना होगा

और फिर हाँ तुझे ख्वाब कोई नया बुनना होगा

अब क्या होगा जो भी होगा वो तो होगा

Saturday, March 17, 2012

जाना पहचाना सा फिर भी अनजाना सा

जाना पहचाना सा फिर भी अनजाना सा
भुला भुला मैं कुछ खुद से बेगाना सा

जाने क्यों आँखे देखती हैं ये मेरी
सपना अधूरा वही जाना पहचाना सा

जाने अब मैं हूँ कहाँ, जाने अब मैं जाऊं कहाँ
जाने अब मैं भूल जाऊं, कब कितना खुद को यहाँ

जाना पहचाना सा फिर भी अनजाना सा
भुला भुला मैं कुछ खुद से बेगाना सा

अब भी जब तू हैं मिले, जाने क्यों सासें से रुक रुक के चलें
हैं कुछ भी नहीं दरमयां, फिर भी एक  रिश्ता सा हैं चलें 

कौन जाने कहाँ ,कितना भटका हूँ मैं यहाँ
तेरी तलाश में, जी के भी जीया कब कहाँ

जाना पहचाना सा फिर भी अनजाना सा
भुला भुला मैं कुछ खुद से बेगाना सा

अब जब जाने लगे हो, तुम मुझे छोड़ के
जी करता हैं रोक लूं, मैं तुम्हे सारे बंधन तोड़ के

हैं ये कैसे उदासी, हैं कैसी बेचैनी
दिल करता हैं , अब मैं बता भी दूं तुम्हें कभी दिल खोल के

जाना पहचाना सा फिर भी अनजाना सा
भुला भुला मैं कुछ खुद से बेगाना सा
 













कैसे हैं ये तेरे नैना...

नैनो की भाषा समझे ना, इंतज़ार को इस ये समझे ना 
कैसे हैं ये तेरे नैना, कैसे हैं ये तेरे नैना

हाथों में जाम तो देखे हैं , आँखों में आंसू देखे ना
कैसे हैं ये तेरे नैना, कैसे हैं ये तेरे नैना

झूठी मुस्कराहटें देखे हैं , गम के ये जाले देखे ना
कैसे हैं ये तेरे नैना, कैसे हैं ये तेरे नैना

यों तो जिंदगी जीयी ही जाएँ, मर मर के जीना मेरा देखे ना
कैसे हैं ये तेरे नैना, कैसे हैं ये तेरे नैना

हम भी जाने कैसे हैं , समझ के भी समझाना चाहें ना
कैसे हैं ये तेरे नैना, कैसे हैं ये तेरे नैना 
 

 

Tuesday, March 13, 2012

पंडित जी कोई मन्त्र पढ़ दो...

पंडित जी कोई मन्त्र पढ़ दो , मौला जी कोई दुआ हैं कर लो।
हमको होने लगा हैं प्यार, थोड़ी सी मेरी help कर दो ।।

मुझको वो देखे तो देखे ही जाये, ऐसा उसपे कोई जादू  गढ़ दो।
दिल में हो उसके मेरा प्यार ही प्यार , ऐसा दिन और रात को कर दो ।।

उसको भी मेरी याद सतायें, मुझसे मिलने रोज वो आये ।
हंस के जब भी वो मुझे बुलाएँ , Time को थोड़ा stop कर दो ।।

जिंदगी ऐसे जीयी न जाये, Red signal को Green  भी कर दो ।
Life हैं ये dark n black , मेरा future थोड़ा सा bright कर दो ।।
 

Monday, March 12, 2012

शादी कर ले :)

बेटा तू शादी कर ले ,लड़की हैं राजी कर ले।
माँ ने समझाया मुझको, बहना ने बहलायाँ मुझको।।

बाबा ने रोब दिखाया, बोले गुजरा वक़्त फिर न आया।
बतीस का हो चुका हैं, अब तो तू हामी भर ले ।।

कैसे कैसे सपने दिखाएँ, रोज नए फोटोग्राफ दिखाएँ।
माँ ने कहा कर्ज चुका दे, बाबा ने कहा फर्ज निभा ले ।।

दीदी भी कम नहीं थी, साज़िश उसने भी खूब रची थी।
भांजी से कहलाया मुझको , मामा मामी ला दो मुझको।।

हम ठहरे बहते पानी, अपना न कोई सानी ।
रात हर हैं महफ़िल अपनी , हर शाम होती है प्लानिंग अपनी।।

हम नहीं थे फ़सने वाले, सोचा किसी तरह थोडा और वक़्त गुजारे।
क्यों हम बर्बादी कर ले , DD1 जैसी क्यों लाइफ कर ले ।।

हमने सबको समझाया, life का अपनी  vision बताया।
अटल कलाम राहुल सबका ध्यान कराया, फिर भी कोई फर्क न आया ।।

सबके सब अड़े थे ऐसे, सरकारी कोई फाइल हो जैसे।
फिर वही सबने पुराना गाना गाया, के  "बेटा तू शादी कर ले "।।

क्या हम करते फिर यारों, फसे इस बार कुछ बुरे थे यारों ।
फिर हमने भी एक पेंच लगाया, जो meet न हो वो criterion लगाया ।।

कहा लड़की देखने की हो कटरीना जैसी, intelligent हो कल्पना जैसी ।
हर महीने लाख कमाए , खाना Radission माफ़िक बनाये ।।

गाये तो बिलकुल श्रेया जैसी, खेल में हो सायना जैसी ।
सुबह पूजा पाठ करें ,  आपका भी थोडा ख्याल करे ।।

ऐसी मिल जाएँ गर कही, कह दे गर वो हाँ मेरे लिए।
तो हम भी शादी कर ले , आपकी ये आरज़ू भी पूरी कर ले ।।

तब से थोड़ी ख़ामोशी सी हैं, हमारी लाइफ settle सी हैं  |
कई दिनों से फ़ोन नहीं आया , के "बेटा तू शादी कर ले "।।


 



 




  

   
 

Wednesday, February 29, 2012

चलने दूँ अब मैं ये जिंदगी जरा

चलने दूँ अब मैं ये जिंदगी जरा ,
हाथ मैं तेरा अब छोड़ दूँ जरा ।।
बांधे हैं जो नज़रे मेरी तुझे ,
वो नज़रे मैं फेर लूं जरा  ।।

कह न पाऊँ आखिर अलविदा तो क्या,
क्या हुआ भूल न पाऊँ उस पल को जरा।।
कर इतना बस  तू दे अब मुझे भुला,
खिलखिला के मुस्करा अब तू जरा ।।

ख़वाब टूटेंगे मेरे कुछ तो क्या,
तू जगमगा रौशनी में जरा ।।
देख के मैं तुझे खुश रह लूं ,
ऐसी ख़ुशी तो दे जा जरा ।।  

this way i guess it'll be easy to understand

don't say a word,don't make a sound 
just feel this silence, this way i guess it'll be easy to understand 

don't turn your eyes away, don't look with disgust in your eyes
just give it some more time, this way i guess it'll be easy to understand 

don't give me a smile, don't surrender to my passion for a while 
just test my believe for a little more time, this way i guess it'll be easy to understand 

don't look at my ways, don't react to this forced silence 
just listen to my heartbeat for a while, this way i guess it'll be easy to understand 




Tuesday, February 28, 2012

Dream !! I know you can dream

Dream !! I know you can dream

I hope you will be reasonable with you 
and will have something big ,fascinating to dream
don't be shy, announce it to this world 
that you are here with your beautiful dream

Dream !! I know you can dream

Be ready to fail thousand times 
but have courage to be phoenix all the time 
run after it like a mad, give it everything which you have 
ignite your passion, illuminate your soul 

Dream !! I know you can dream

I know they'll laugh at you 
will say hundred things which in end will not even matter
you have your own flaws like everyone do 
know your power and let the control be with you 

Dream !! I know you can dream


Believe me, it's going to be journey of lifetime 
there will be ups,there will be downs 
never mind, you need to take chance
cut all bonds let nothing hold you back,smash all your fears

Dream !! I know you can dream

sometimes, you'll think you are going crazy
sometimes,your dream will drive you insane 
but you need to be your own king and only knight 

you have to move forward , you have to give it a fight 

Dream !! I know you can dream

In the end, world is what it is today 
cause of people who dared to run after their dream  
otherwise, we would've been living in aboriginal way 
you are the change, a change which world eagerly awaits 

Dream !! I know you can dream










 

who am i? I'm slave to my desire

I can't run, i can't hide 
I search something which i can not ever find
why you ask me again and again ? when you already know 
who am i? I'm slave to my desire 

I try and fail again and again 
but i never mind, I'm ready to fight till the end
yeah but it's true, sometimes it's hard to know 
who am i? I'm slave to my desire

Most of the time I'm in control 
but sometimes i loose control , you know it's never going to be easy
my desire engulfs me and reminds me again in that moment 
who am i? I'm slave to my desire

In this light , in this glare ,when your life is a stage and everybody stares  
it's hard to pretend and not to get caught 
but i try i try to hide the fact which you may already know 
who am i? I'm slave to my desire 

But believe me , I'll turn this around 
somehow either I'll change the future or turn back the time
you will see me without my desire, and will never hear from me this again 
who am i? I'm slave to my desire


Oh! lonely star...

Oh! lonely star ...

I wonder how I wonder why
you are so far, up so high
why have you taken this road, why have you chosen to be all alone

Oh! lonely star ...

I know you are burning from inside
still you can smile with mist in your eyes
let me tell you
you give me light, you give me hope

Oh! lonely star ...

May be you need a friend
who can sometimes hold your hand
or may be you have a broken heart
and you are now afraid to be in love again

Oh! lonely star ...

I know, i will not be able to talk you into this
but I'll keep on trying
because i hate to see your gloomy eyes
because i want you to smile, live a life

Oh! lonely star ...

ah! it's already three in the morning
for now I'll say goodbye but may be on this weekend
we will have some fun,I'll bring some french wine  ...
till then shine and yes don't forget to smile ..

Oh! lonely star...





Friday, February 17, 2012

कोई जुर्म नहीं ...

क्यों रोका आपने मुझे उस दिन
इश्क हैं खुदा समझाना कोई जुर्म नहीं

कहिये जरा आप क्यों हैं खफ़ा हमसे
आपके रूठने पे मेरा मानना
कोई जुर्म नहीं कोई जुर्म नहीं


सोचिये जरा क्यों दुश्मन हैं जमाना मेरा
किसी नाजनी को दिलों जान से चाहना
कोई जुर्म नहीं कोई जुर्म नहीं

मेरा किया करिए ख़याल कभी थोड़ा थोड़ा
किसी का दिल न दुखाना

कोई जुर्म नहीं कोई जुर्म नहीं 

Thursday, February 16, 2012

वो खामोश हैं पर कैसे...

वो खामोश हैं पर कैसे
के दिल को चैन हो भी न सके

माना के बेवजह हैं ये
पर हैं यूँ के कोई वजह हो भी न सके


फलक पे जगमगाते हैं लाखों तारें
रात ऐसी हैं के जरा रोशन हो भी न सके


गुजर रहा हैं वक़्त गुजरते गुजरते
हालत हैं कुछ यों के कोई बात हो भी न सके

रुक रुक चल रहे हैं कदम मेरे
सोचता हूँ के लौट भी आऊँ तो मुलाकात हो भी न सके

न जाने कहाँ अधूरी रह गयी दास्तां ये
खत्म करता हूँ पर न जाने क्यों खत्म हो न सके

कुछ फ़ासले रह जाने दे

कुछ फ़ासले रह जाने दे
थोड़ा दर्द मुझको पी जाने दे

ऐ जिंदगी जरा धीरे चल
मुझे थोड़ा तू गुजर जाने दे

कुछ बात हैं पर जाने दे 
कहना हैं पर जबां को रुक जाने दे

वो नहीं समझ पायेगा कुछ
उसको यूँ ही अब जाने दे

कुछ फ़ासले रह जाने दे
थोड़ा दर्द मुझको पी जाने दे

वक़्त को थाम भी ले तो क्या
तू आसमां को चूम ले भी तो क्या

तेरी बिसात कुछ नहीं इस खेल में
चल अब खुद को थोड़ा हार जाने दे

वो तेरा चाहे कुछ भी सही
अपनी नज़र  न अब उस पे जाने दे

कुछ फ़ासले रह जाने दे
थोड़ा दर्द मुझको पी जाने दे  

Wednesday, February 1, 2012

कशमकश में हैं क्या...

कशमकश में हैं क्या,
                               क्या सोचे हैं तू क्या गया
जो था ही नहीं कहीं इक लम्हा,
                                 वो आया नहीं तो हैं क्या

कशमकश में हैं क्या ...

जो खुल के कभी बरसा नहीं,
                                      ऐसे सावन का करता भी तू क्या
जो हमेशा रहा ग्रहण से छुपा,
                                       ऐसे चाँद का करता भी तू क्या

कशमकश में हैं क्या ...

जो निगाहें कहती रही के तू कौन हैं,
                                                ऐसी निगाहों में बस के करता भी क्या
जो उलझे रहे गम से सदा,
                                    ऐसे रिश्तों का करता भी क्या

कशमकश में हैं क्या ...

जो चलती चलें और कहीं न मिले,
                                                ऐसी दास्तानों का करता भी क्या
जो मिल जाती भीख में पल को और जिंदगी,
                                                  ऐसी जिंदगी जी के करता भी क्या
कशमकश में हैं क्या ...                                 

                            

Thursday, January 26, 2012

जब हद से कोई गुज़र गया...

जब हद से कोई गुज़र गया
जब दर्द भी दर्द से टूट गया
जब वक़्त भी सहमा सा थम गया
जब भीतर भीतर सब जल गया

तब भी न जाने क्यों रहा
मेरा खुदा चुपचाप -चुपचाप

जब सासें साथ न देने लगी
जब तन्हाई भी तन्हा लगने लगी
जब आँखों में आसूं भी न रहे
जब दुनिया ओझल होने लगी

तब भी न जाने क्यों रहा
मेरा खुदा चुपचाप -चुपचाप

जब अहसासों की कीमत भी न रही
जब ख़ुशी भी गम सी लगने लगी
जब सपने सारे बिखरने लगे
जब खुद से बेगाना मैं होने लगा

तब भी न जाने क्यों रहा
मेरा खुदा चुपचाप -चुपचाप
न जाने क्यों रहा खुदा
चुपचाप चुपचाप ....




न कुछ कह के...

न कुछ कह के सब कुछ कहने की
आदत तेरी आँखों ने छोड़ी नहीं

यूँ ही बस  बात बात पे जां
जान मेरी लेने की आदत तूने छोड़ी नहीं


कैसे फिर न मनाऊँ में तुझे
दिल ने मेरे याद करने की तुझे आदत छोड़ी नहीं


जाओ जहाँ भी जाते हो रूठ के तुम
जानता हूँ तूने लौट आने की आदत छोड़ी नहीं


क्यों नाराज सी हैं दुनिया मुझ से
परवानों ने भी तो शम्मा पे मरने की आदत छोड़ी नहीं



Saturday, January 21, 2012

खाली खाली लम्हों में रंग

खाली खाली लम्हों में रंग भरने को जी करता हैं
क्या करूँ हल पल तुझसे मिलने को जी करता हैं

जानता हूँ क्या हक़कीत क्या हैं ख्वाब
पर खवाबों में जीने को जी करता हैं

कौन छोड़ता हैं दुनिया के सारे कामों काज
पर देख के तुझे तुझे देखने को ही जी करता हैं

जाने कहाँ ले जाना चाहे हैं मुझे ये जिंदगी
क्या करूँ बस तेरे दर तक ही जाने को जी करता हैं

कैसे रोक ले अब मुझ को ये सारा जहान
तुझ पे होने को निसार मेरा जी करता हैं


तेरा इशक हैं खुदा की इबाद्दत

तेरा इशक हैं खुदा की इबाद्दत
मैं करूं खुदा की इबाद्दत तो बुरा क्या हैं

नशें में रहना खुदा के बुरा नहीं तो
मैं तेरे नशे में रहूँ जिंदगी भर तो बुरा क्या हैं


क्यों कहती हैं दुनिया के बेहतर हैं भूल जाऊं तुझे
याद करता हूँ गर में हर घड़ी खुदा को तो बुरा क्या हैं


चाँद रोशन रहे सूरज से दुनिया रोशन रहे
में तुझ से रोशन रहूँ मेरा दिल रोशन रहे तो बुरा क्या हैं

रहकर जब न रह पाया तेरे दिल में एक पल को
न रहकर गर याद आ जाऊं पल को तुझे तो बुरा क्या हैं

रात को तोड़कर सवेरा निकलेगा

रात को तोड़कर सवेरा निकलेगा
चाँद को छोड़कर आसमां सूरज से खेलेगा

सोच मत के कोई जिंदगी भर तेरे लिए
रात के अंधेरों में रोयेगा

क्या करे हैं यही जिंदगी क्या करे हैं यही जिंदगी

पथरों को पूजने की आदत हो जहाँ
वहा इंसानों को कौन पूछेगा

चल चले इस जहां से कही दूर
जान ले के कोई भी न तुझे खोजेगा

क्या करे हैं यही जिंदगी क्या करे हैं यही जिंदगी

काम का हैं किसी के तो हैं ठीक
नाकाम होगा तो क्या होगा कौन सोचेगा

इस दुनिया को मतलब हैं मतलब से
जब मतलब न होगा तो होगा वो जो तू अब न सोचेगा

क्या करे हैं यही जिंदगी क्या करे हैं यही जिंदगी