Wednesday, August 26, 2009

कल का हमको एक अरमान सही

आज तुम भी थे, आज हम भी थे।


फिर भी ऐसा लगा, कितने हम अजनबी थे॥


चार पल का साथ सही , जिंदगी हुई यों ही मेहरबान सही ।


ना देखा तुमने हमें न हमने तुमें, फिर भी थी तो मुलाकात सही ॥


पता हैं वक्त नहीं साथ हैं मेरे , मगर दिल में तेरी एक हसरत ही सही ।


कल फिर यों ही मिल नहीं पायेंगे हम , पर कल का हमको एक अरमान सही॥