न कुछ कह के सब कुछ कहने की
आदत तेरी आँखों ने छोड़ी नहीं
यूँ ही बस बात बात पे जां
जान मेरी लेने की आदत तूने छोड़ी नहीं
कैसे फिर न मनाऊँ में तुझे
दिल ने मेरे याद करने की तुझे आदत छोड़ी नहीं
जाओ जहाँ भी जाते हो रूठ के तुम
जानता हूँ तूने लौट आने की आदत छोड़ी नहीं
क्यों नाराज सी हैं दुनिया मुझ से
परवानों ने भी तो शम्मा पे मरने की आदत छोड़ी नहीं
Bahut sundar! 'Tune' ke bajaay 'toone' likhen to chaar chand lag jayenge!
ReplyDeletethanks
DeleteYe mast hai
ReplyDelete