Sunday, July 15, 2012

???

मेरा दर्द ले थोड़ा सा डाल दे
इस खाली पड़े जाम में
पी गया बहुत हूँ और देख जी भी लिया बहुत हूँ
न डर यार बाँट दे थोड़ा सा बेरंग से इस जहां में
 
वो कहते हैं मेरे बालों की रंगत को देख के
के इश्क करने के दिन तो तुम्हारे नहीं लगते
मैंने कहा ये बला हैं वो बला, बाटंता हैं खुदा जिसे बड़े बेहिसाब से
बच न पाया कोई उसके शबाब से , गर देख पाया वो उसकी निगाह में

मिलने वाले देखते हैं नज़र  भर भर के खुली खुली निग़ाह से
पूछ्ते हैं क्या मर्ज़ हैं क्या दवा हैं ,लेते भी हो क्या कभी हिसाब से
हमने कहा लामर्ज़ हूँ लादवा हूँ , बस ये अब तुम दुआ करों
गर उसका दर न मिले ,तो बुला ले खुदा अपने जहां में

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