में खुद से कहूं या तुझ से कहूं
के अब शायाद तू ही कहें मेरी दास्ताँ
में जो मेरा था कभी था खुद से नुमा
आज बन गया हूँ तेरा अक्स भर
करता हूँ बस तुझ को बयाँ
के अब शायाद तू ही कहें मेरी दास्ताँ
में जो मेरा था कभी था खुद से नुमा
आज बन गया हूँ तेरा अक्स भर
करता हूँ बस तुझ को बयाँ
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