तेरा इशक हैं खुदा की इबाद्दत
मैं करूं खुदा की इबाद्दत तो बुरा क्या हैं
नशें में रहना खुदा के बुरा नहीं तो
मैं तेरे नशे में रहूँ जिंदगी भर तो बुरा क्या हैं
क्यों कहती हैं दुनिया के बेहतर हैं भूल जाऊं तुझे
याद करता हूँ गर में हर घड़ी खुदा को तो बुरा क्या हैं
चाँद रोशन रहे सूरज से दुनिया रोशन रहे
में तुझ से रोशन रहूँ मेरा दिल रोशन रहे तो बुरा क्या हैं
रहकर जब न रह पाया तेरे दिल में एक पल को
न रहकर गर याद आ जाऊं पल को तुझे तो बुरा क्या हैं
मैं करूं खुदा की इबाद्दत तो बुरा क्या हैं
नशें में रहना खुदा के बुरा नहीं तो
मैं तेरे नशे में रहूँ जिंदगी भर तो बुरा क्या हैं
क्यों कहती हैं दुनिया के बेहतर हैं भूल जाऊं तुझे
याद करता हूँ गर में हर घड़ी खुदा को तो बुरा क्या हैं
चाँद रोशन रहे सूरज से दुनिया रोशन रहे
में तुझ से रोशन रहूँ मेरा दिल रोशन रहे तो बुरा क्या हैं
रहकर जब न रह पाया तेरे दिल में एक पल को
न रहकर गर याद आ जाऊं पल को तुझे तो बुरा क्या हैं
No comments:
Post a Comment