Saturday, January 21, 2012

तेरा इशक हैं खुदा की इबाद्दत

तेरा इशक हैं खुदा की इबाद्दत
मैं करूं खुदा की इबाद्दत तो बुरा क्या हैं

नशें में रहना खुदा के बुरा नहीं तो
मैं तेरे नशे में रहूँ जिंदगी भर तो बुरा क्या हैं


क्यों कहती हैं दुनिया के बेहतर हैं भूल जाऊं तुझे
याद करता हूँ गर में हर घड़ी खुदा को तो बुरा क्या हैं


चाँद रोशन रहे सूरज से दुनिया रोशन रहे
में तुझ से रोशन रहूँ मेरा दिल रोशन रहे तो बुरा क्या हैं

रहकर जब न रह पाया तेरे दिल में एक पल को
न रहकर गर याद आ जाऊं पल को तुझे तो बुरा क्या हैं

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