Thursday, March 29, 2012

मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ

इन फूलों से पूछों, इन हवाओं से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम इन  घटाओं से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं

करता हूँ जो उस इंतज़ार से पूछों , जीता हूँ जो उस सवाल से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम मेरे इन गुजरते लम्हों से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं

टूटती नहीं जो उस आस  से पूछों , बुझती नहीं जो उस प्यास से पूछों
मैं कह नहीं पाऊँगा कुछ
तुम मेरे इन बिखरे बिखरे ख्यालों से पूछों
शायद ये बता ही देंगे तुम्हे
के मुझे तुमसे कितना प्यार हैं



 



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