रोका न जब उसने तो हम खुद ही चले आये
भुलाते क्या हूँ तुझको हम खुद ही भुला आये
आँखे करती रही इंतज़ार हाँ इंतज़ार
हुआ जब न खत्म तो इंतज़ार को ही सफ़र बना लाये
सोचे तो क्या पाया हैं सोचे तो क्या खोया हैं
खुद को ही बस खुद से ही जुदा हम कर आये
न जाने क्या लिखी थी तक़दीर में हमारी जिंदगी
पर सकूं ये के तुझे तेरी जिंदगी दे आये
वजूद का मेरे तू अब भरम भी रखें तो क्या रखें
जो होने का था गुमां मुझको वो गुमां कही दफना लाये
चल चले कहीं दूर जहां हमको भी हम न मिले
चल सारे ख्वाब इस रात हम जला आये
चल अब चले इस रात को हम शफ़क
सबह वो शायद न आये चल इंतज़ार ही ये मिटा जाये
भुलाते क्या हूँ तुझको हम खुद ही भुला आये
आँखे करती रही इंतज़ार हाँ इंतज़ार
हुआ जब न खत्म तो इंतज़ार को ही सफ़र बना लाये
सोचे तो क्या पाया हैं सोचे तो क्या खोया हैं
खुद को ही बस खुद से ही जुदा हम कर आये
न जाने क्या लिखी थी तक़दीर में हमारी जिंदगी
पर सकूं ये के तुझे तेरी जिंदगी दे आये
वजूद का मेरे तू अब भरम भी रखें तो क्या रखें
जो होने का था गुमां मुझको वो गुमां कही दफना लाये
चल चले कहीं दूर जहां हमको भी हम न मिले
चल सारे ख्वाब इस रात हम जला आये
चल अब चले इस रात को हम शफ़क
सबह वो शायद न आये चल इंतज़ार ही ये मिटा जाये
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