आसुओं भरी हैं रातें
दिन मेरे जगमगा रहे है
दुनिया हैं बड़ी अजीब ये
सह रहे हैं सब फिर भी मुस्करा रहे है
जाने ये क्या बला है
किसीको यहाँ क्या मिला हैं
किसको मैं कहूं अपना यहाँ
हर चीज़ को ये अपना बतला रहे हैं
न जाने वो लड़ रहे हैं किसी से
मुझे बचा रहे हैं बता रहे हैं
मुझे फिक्र नहीं अपनी जरा भी
फिर भी मुझे मेरी फिक्र जता रहे हैं
अंधेरो से डरते हैं वो
आग हर जगह लगा रहे हैं
रोशनियों का शहर हैं ये
अंधेरों को न जाने कहाँ छुपा रहे हैं
दिन मेरे जगमगा रहे है
दुनिया हैं बड़ी अजीब ये
सह रहे हैं सब फिर भी मुस्करा रहे है
जाने ये क्या बला है
किसीको यहाँ क्या मिला हैं
किसको मैं कहूं अपना यहाँ
हर चीज़ को ये अपना बतला रहे हैं
न जाने वो लड़ रहे हैं किसी से
मुझे बचा रहे हैं बता रहे हैं
मुझे फिक्र नहीं अपनी जरा भी
फिर भी मुझे मेरी फिक्र जता रहे हैं
अंधेरो से डरते हैं वो
आग हर जगह लगा रहे हैं
रोशनियों का शहर हैं ये
अंधेरों को न जाने कहाँ छुपा रहे हैं
No comments:
Post a Comment