जिन्हें प्यार हुआ नहीं इस जहां में
उन्हें तुमसा न कोई मिला होगा
अजनबी अनजान चेहरों के बीच
कोई चेहरा अपना न लगा होगा
हम चले आये उस दिन उनकी महफ़िल से ये सोचकर
शायद उन्हें इस तरह मेरा इकरार बुरा लगा होगा
कोई बात नहीं हंस लो मेरे रकीबों मुझ पर
इस जहां में हर किसी का वक़्त आता होगा
तुमने चाहा नहीं पर ये तो मानोगे
तुम्हे कभी न कभी ये शख्श याद आता होगा
और हम जिए जाते हैं इसी आस पे
के शायद कभी न कभी हमारा मिलना होगा
उन्हें तुमसा न कोई मिला होगा
अजनबी अनजान चेहरों के बीच
कोई चेहरा अपना न लगा होगा
हम चले आये उस दिन उनकी महफ़िल से ये सोचकर
शायद उन्हें इस तरह मेरा इकरार बुरा लगा होगा
कोई बात नहीं हंस लो मेरे रकीबों मुझ पर
इस जहां में हर किसी का वक़्त आता होगा
तुमने चाहा नहीं पर ये तो मानोगे
तुम्हे कभी न कभी ये शख्श याद आता होगा
और हम जिए जाते हैं इसी आस पे
के शायद कभी न कभी हमारा मिलना होगा
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