लगता हैं मयकदों में ही गुजरेगी ये जिंदगी
जब भी हम होश में आये तो हमें गम ही मिले
मुस्करायें जब भी पल दो पल के लिए
मेरे जिस्मों जां को बस दर्द ही मिले
कौन जाने कहाँ जाएगी ये जिंदगी अपनी
जब भी सफ़र पे निकले तो हमें हादसे ही मिले
मैं क्या जानू "शफ़क" के क्या खता थी मेरी
हमने जब भी देखा उन्हें तो वो हमसे खफ़ा ही मिले
जब भी हम होश में आये तो हमें गम ही मिले
मुस्करायें जब भी पल दो पल के लिए
मेरे जिस्मों जां को बस दर्द ही मिले
कौन जाने कहाँ जाएगी ये जिंदगी अपनी
जब भी सफ़र पे निकले तो हमें हादसे ही मिले
मैं क्या जानू "शफ़क" के क्या खता थी मेरी
हमने जब भी देखा उन्हें तो वो हमसे खफ़ा ही मिले
Bahut khoob!
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