Sunday, December 25, 2011

मैं न जाऊं ऐसे...

ऐसे कैसे, मैं न जाऊं ऐसे
तेरे ये दो नैना बांधे हैं न जाने मोहे कैसे

मैं न जाऊं ऐसे -२

हर सुबह से रात तक इंतज़ार करूँ
ख़तम हो अब कैसे इंतज़ार मेरा, मैं न जानू कैसे

मैं न जाऊं ऐसे -२

ऐसा नहीं के कुछ भी नहीं तू मेरा ऐ सनम
धड़कन अपने दिल की तोहे ऐ खुदा सुनाऊँ कैसे

मैं न जाऊं ऐसे -२

चलती रहे या न चले ये दुनिया मेरी अब तेरे बिन
मैं हर पल बैठा बस ये ही सोचूं तुझको अपना मैं अब बनाऊं कैसे

मैं न जाऊं ऐसे -२

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