कुछ अनकही,कुछ दिल्लगी
कुछ ओस की बूंदे, कुछ आसूं |
क्या करे ये सुबह अजीब सी हैं कुछ||
कुछ झूठी मुस्कराहटें, कुछ कड़वी बातें
कुछ बेगानापन,कुछ फिक्र सी दिल में|
क्या करे ये सुबह अजीब सी हैं कुछ ||
कुछ ओस की बूंदे, कुछ आसूं |
क्या करे ये सुबह अजीब सी हैं कुछ||
कुछ झूठी मुस्कराहटें, कुछ कड़वी बातें
कुछ बेगानापन,कुछ फिक्र सी दिल में|
क्या करे ये सुबह अजीब सी हैं कुछ ||
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