जाने ये क्या बेकरारी हैं,
जहनो दिल पे जो तारी हैं||
सारी की सारी परेशानियां,
मैंने दुनिया के हिस्से डाली हैं||
क्यों लगता हैं तुझे में तेरा हूँ नहीं,
पढ़ ले इन आँखों को कहानी लिखी वही सारी हैं ||
इक बार मुढ़ के आ तो इधर,
दुनिया मैंने तेरे क़दमो के नीचे बीछानी हैं||
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