वो उदासियाँ कहाँ गयी ।
वो नम आँखों से हंसने की अदा कहाँ गयी॥
वो जिंदगी जिसमें दर्द ही दर्द था।
उसकी गमगीन कहानियाँ कहाँ गयी॥
वो सबह उठते ही ख्याल आता था उनका ।
उस ख्याल की फुर्सत कहाँ गयी॥
दूर तक मुड़ मुड़ के जो तू देखता था उनको।
हाय ! तेरी वो मासूम उम्मीद कहाँ गयी॥
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