जिसने मुझसे वफ़ा न की,
वो किसी का क्या होगा |
जिसने दर्द न देखा इस दिल का,
वो दिलनशी किसी का क्या होगा||
आज भी फिर रहे हैं मजूनु शहर में,
पर कोई हम सा क्या होगा|
हमने वजूद मिटा लिया इश्क में,
फिर क्यों सोचते हो मेरा क्या होगा||
Bahut,bahut sundar!
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