मरने पे आ गए हैं हम,
जीने की आस पे|
क्यों बिछड़ गए हम,
मिलने की बात से||
जाने क्या कहने आये थे तुम,
और हमने क्या जवाब दिया|
मुड़ के चल दिए तुम,
हमसे कुछ नाराज से ||
अब क्या कहे हाल क्या हैं,
इस दिल का ऐ जनाब|
उखड़ी उखड़ी हैं साँसे,
फिर रहे हैं हम बदहवास से||
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