उसकी आंखों में डूब जाता मगर,
कुछ होश वालों ने मुझे बचा लिया
जिसकी बातें में तुझसे कर रहा हूँ हमदम,
उसने बरसों पहलें मुझे भुला दिया
हर तरफ जब छाने लगा अँधेरा,
रोशनी को थोड़ा दिल हमने जला लिया
एतबार तो नहीं था उस हंसी का मुझे,
फिर भी बातों बातों में जहर उसने पिला दिया
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