उसने पुछा भी नहीं , हमने सोचा भी नहीं
के मेरे यार ने ,हाल मेरा पुछा क्यों नहीं
उसने देखा भी नहीं, दिल मेरा जला भी नहीं
के वो निगाहें,आज हम पर रुकी क्यों नहीं
आज वो हेरा भी नहीं , हम परेशा भी नहीं
के मिल के हम,आज मिले क्यों नहीं
कोई सवाल भी नहीं, कोई जवाब भी नहीं
के था जो कल तलक, वो आज दिलों में क्यों नहीं
उससे शिकायत भी नहीं , कोई इल्ताज्ज़ भी नहीं
के लिखा उसका ,आख़िर बदलता क्यों नहीं
No comments:
Post a Comment