मैंने देखा हैं सितारों को जलते हुए,
जिंदगी के तारो को इक इक कर टूटते हुए||
टूटती देखी हैं मैंने हज़ारों ख़वाहिशे,
मैंने देखा हैं बेआबरू प्यार को होते हुए||
हारी हैं मैंने कई बाजियां जीतते हुए,
मैंने देखा हैं चरागों को उम्मीद के बुझते हुए||
कहते हो जिंदगी भर न रहेगा ग़म उसका,
मैंने देखा हैं ग़म को जिंदगी बनते हुए||
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