चले आज तुमको भुला के कहीं को।
न जाने कहाँ अब जायेंगे हम॥
इबादत करी थी दिल से तुम्हारी ।
न जाने खुदा किसे अब बनायेंगे हम॥
कह दो के मजबूरी तुम्हारी बहुत थी ।
वरना घुट घुट के मर जायेंगे हम॥
चलो आज खुद से वादा में कर लूँ।
कभी भूले से भी न अब याद आयेंगे हम॥
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