Wednesday, July 18, 2012

हम क्या करे

अभी क्यों उठ के चल दिये
बताओं अब हम क्या करे

चराग सौ हैं जल रहे
बताओं इनका क्या करे

गिला नहीं हैं तुमसे अब
गिला कर के अब क्या करे

ख्वाब देखे थे हज़ार मैंने
अब इन खाव्बों का क्या करे


इक सबह का इंतज़ार रहा
उम्र भर इस दिल को
वो सबह ही न आयी
तो बताओं यार हम क्या करे 

No comments:

Post a Comment