Saturday, June 30, 2012

मैंने टूटे फूटे टुकडों पे दिल के

मैंने टूटे फूटे टुकडों पे दिल के
मरहम किया हैं इंतज़ार का

आना हो तो वो आ ही जाये
यों लिया हैं इम्तेहान प्यार का

वो पूछते हैं के ये क्या बला हैं
ख़ामोशी ने मेरी दिया जवाब हर सवाल का

देखो सब जा रहे हैं महफ़िल से उठ के
और निगाहें ये बेसबब ढूंढे चेहरा यार का

कह लो कुछ भी "शफ़क" तुम हो यार मेरे
पर ये प्यार था लिखा शायद उस जहान का

खाली खाली जब लम्हे ये सारे

खाली खाली जब लम्हे ये सारे
पूछते हैं के हैं वो क्यों खाली
मन करता हैं के कह दूं झिड़क के
खुद से रंग भर लो न हैं हम खाली


पूछती हैं जब ये दुनिया हमसे
के सोचा क्या हैं क्या हैं ख्वहिश तुम्हारी
मन करता हैं के चिल्ला के कह दूं
क्यों पीछे पड़े हो हमें हैं तन्हाई प्यारी

सिखा रहे हैं हमें कुछ न कुछ सब आज कल
बता रहे हैं सारी बड़ी सारी गलतियां हमारी
माना के हम गलत हैं गलत हैं राह ये सारी
पर हमने कब कहा के कोई मंजिलें हैं हमारी


जीने के जिंदगी हैं न जाने कितने तरीके
किसने हैं बुझा किस तरह के हैं ये सलीके
हमने कब तौला हैं किसी को जिंदगी में
क्यों मापती हैं कसौटी पे कायनात जिंदगी को हमारी










Monday, June 18, 2012

सुना हैं मसीहाओं की मौत नहीं होती

सुना हैं कई ख्वाबों की उम्र नहीं होती
जवाबों को कई सवालों की फिक्र नहीं होती


रहगुजर ही ये ऐसी हैं के मंजिलों की जुस्तुजू  नहीं होती
रात ही हैं ये ऐसी के सुबह की कोई ख्वाहिश नहीं होती


क्यों हो मोहब्बत मेरी तेरे जैसी कभी कभी  मोहब्बत में पाने की आरज़ू नहीं होती
जिंदगी जी रहा हूँ बेसबब बेपरवाह ,दुनिया को न जाने क्यों ये बात मुकरर  नहीं होती


सोचता हूँ के जाने दूँ यों ही सब कुछ के अब कुछ अपना कहने की शिदत नहीं होती
मिट जाने का शौक हैं मुझे मसीहा न बनाओ सुना हैं मसीहाओं की  मौत नहीं होती

Sunday, June 17, 2012

मुझे इक पल खुदाई का तो दे

दरवाज़ा खोल तो दूँ  इस घर का
पर इंतज़ार मैं हूँ वो दस्तक तो दे

हर बार नजर फेर लेता हैं मिल जाये अगर 
कभी तो नजर भर मेरे होने का ऐहसास तो दे

न जाने कर चूका हूँ मैं कितने सवाल 
अब सोचता हूँ के वो कोई जवाब तो दे

कौन जाने कहाँ तक हैं मेरी बेफाई के चर्चे
मुझे मुक्तसर ही सहीं सफाई का मौका तो दे

वो कहे तो इक ही पल मैं हो जाने दूँ सब फनाह
पर मेरा खुदा वो मुझे इक पल खुदाई का तो दे








Saturday, June 16, 2012

इक सपना देखता हूँ...




इक सपना देखता हूँ
मैं चल रहा हूँ बादलों के ऊपर

गम की बारिशों से परे
मैं जी रहा हूँ बिन हवा के ऊपर

सितारे देख के मुस्करा रहे हैं
और चाँद रश्क कर रहा हैं मुझ पर

सूरज लग रहा हैं कुछ बुझा बुझा सा
सोच रहा हूँ वो भी मुस्करा दे मुझ पर

बिजलियाँ कड़क रही हैं कभी कभी
जता सा रही हैं थोडा रौब मुझ पर

देखता हूँ वहाँ से अपनी जमीं को
नज़र आती हैं तेरे नीले सफ़ेद दामन की तरह कुछ

Friday, June 15, 2012

वो खो के गया बहुत कुछ ...

वो खो के गया बहुत कुछ
वो पा के गया बहुत कुछ
न सोच के तुने क्या दिया उसे
वो ले के गया बहुत कुछ

वो यादें ,वो बातें
वो तेरे किस्से , वो मीठी रातें
दिल में ले के गया वो
दे के तुझको अपना सब कुछ


सोच न कहा गया वो
आने वाला न  हैं वो
आंसू बहुत उसने बहुत  पिए थे
बन के तेरा गया हैं वो अब कुछ


होता हैं ये  सब होता हैं
न उसने कहा न तुने कुछ
आंसू न तेरी आँखों में आयें
इसलियें गया बिना कहे सुने कुछ

याद आये तो याद करना
बीते सुनहरे लम्हों की तरह कुछ
दोस्त नए बनाना ,सदा मुस्कराना
यही चाहत ले के वो गया कुछ 







ऐ खुदा !!!

तू क्या हैं मैं क्या हूँ
जो तू हैं वो मैं हूँ
तेरा ही हूँ  , तुझ में ही तो मैं हूँ

ऐ खुदा  ,ऐ खुदा 


जाना कहाँ हैं मुझे
जगह जब हर मुझे तू ही हैं दीखे
जो तू हैं वो सब हैं

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

न कर यूँ शर्मिंदा
न दे गरूर, जरा भी तिनका सा
तेरे आगे मैं हूँ क्या

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

ये पूछे हैं मैं कौन हूँ
और मैं बुझु के तू कौन हैं
न दे इंतना इंतज़ार सदियों सा

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 

खुद में अब मिला ले मुझे तू
भटका हूँ घर बुला ले मुझे अब तू
जाया न हो जाये कही ये जिंदगी

ऐ खुदा ,ऐ खुदा 







हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं ... :)

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

और सोचते हैं हम, क्या इसमें कुछ हमारा हैं
क्या कभी तेरी बातों में नाम हमारा हैं
क्या कभी तेरे ख्वाबों में आना जाना हमारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

जिंदगी भर रहेंगे तेरी, याद के हम सहारे
क्या कभी तुने सोचा के , क्या हाल हमारा हैं
जब नहीं हैं तेरे रूबरू, तो क्या जीने का सहारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं


जब गुजरते हो जान के अंजानो की तरह
सोचते भी हो क्या ,हर पल इंतज़ार हमें बस तुम्हारा हैं
बीतेगी कैसे इक जिन्दगी ,जिसकी उम्मीद बस प्यार  तुम्हारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं

सोचकर तो चला था मगर , खीच लाया ये दिल फिर वही
सोचा भी हैं क्या कभी , क्यों बेताब  दिल ये हमारा हैं
क्यों देख के यूँ ही ,गुजार रहा ये दिन ब दिन सारा हैं

हाँ ये जहाँ सब तुम्हारा हैं













Tuesday, June 12, 2012

More than four thousand four hundred hours

Counting on the months and counting on days
i kept standing there just adding hours to life
now i feel it is so much time ,i spent waiting for you
and it is already more than four thousand four hundred hours


Believe me i never wanted to go as i longed to be here with you forever
but as i searched into your eyes to see a little love fire
i could not find what i desired, it has been happening since a long time
and it is already more than four thousand four hundred hours


Destiny is what they say it is
and i feel we could have changed the way it is
tried very hard to not pretend , to show how much i care
and it is already more than four thousand four hundred hours




wish i could turn back the time
i could go back to the place where you smiled back at me
never to let go that feeling , struggling to live this way forever
and it is already more than four thousand four hundred hours












Wednesday, June 6, 2012

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल
और रोता हूँ  हैं क्या  ये आने वाला कल

सच ही तो हैं की वो नहीं हैं मेरा
वरना क्या हैं जो रोक सकता मुझे जीने से ये पल

ऐ दिल क्या करे ,अब और हम क्या न करे
जो भी था वो अब महसूस हुआ था बस कल

कहाँ जाऊं क्या सुनाओ किस को  मैं अब
डर हैं आज के ये  राज़, हसेंगे मुझ पे दिल खोल के कल

क्यों सोचता हूँ "शफ़क " के क्या सोचूंगा कल मैं इस पल
उससे पहले जीना जरूरी हैं मुझे वो आने वाला कल






तेरी राहों से गुजर जाने के बाद

तेरी राहों से गुजर जाने के बाद
याद रहता नहीं कुछ ,तेरे याद आने के बाद

क्या करे तेरा गम बहुत हैं इस जिंदगी के लिए
सोचेंगे और कुछ  सब ये गुजर जाने के बाद

फैसला हम करेंगे तो क्या करेंगे
टालेंगे फैसलें की घडी ,अगली अमावस के बाद

जाने वालें गए हम पे हंस हंस के
हम भी हंस लिए  नासमझी पे उनकी ,उनके जाने के बाद

कहते हैं वो के "शफ़क" तू तो पागल हैं
पर क्या मैं जी लेता इंसा हो के ,इतना कुछ होने के बाद






Tuesday, June 5, 2012

कितना अनजाना सा हूँ...

कितना अनजाना सा हूँ ,फिर भी पहचाना सा हूँ
जब भी चुराएँ तू मुझसे आँखे ,लगता हैं मैं कोई कल पुराना सा हूँ


जैसे नदी के दो किनारे दूर से ही एक दुजे को निहारें
उतनी प्यास हैं मेरी ,पर मिलना नहीं बस में हमारे


हाथों की लकीरों से कैसे करूं मैं शिकायत
जब हौसला नहीं कुछ कहने का , तो रोना ही लिखा होगा नसीब में हमारे

खोया हैं मैंने सबकुछ , पाया नहीं हैं कुछ
जिसको पाना हो नामुमकिन , उसकी ही आस पे दिल ये दिन क्यों गुज़ारे


चल चलें यार कहीं ,दिखें न ये घाव कहीं
जो हैं प्यार मेरा तेरे लिए ,उसे अब इस जहां पे निसारे







Sunday, June 3, 2012

So GoodBye my friend

I waited for too long
because what i felt was too strong
but now i think i wasted  myself on you
Sorry but i think it is true

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

I know deep within my heart
that you always wanted me to stay away
that's why i think it would mean nothing to you
nevertheless it's my life story and somewhere it should end

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

my heart i know you would have liked to see a diffrent end
to see me fighting it till the end
but i cannot take it anymore
i do not want to be hostage of you anymore

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye


i want to be feel free as i felt always before
i want to be same as i was years before
yes i know it is going to be tough
still i think this life needs something to live for

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye

and when i say these words
it doesn't mean that i'm not in love with you anymore
it's just that i accept the reality
and i will not wait for you anymore

So GoodBye my friend
it is hard but it should end
Goodbye Goodbye