Wednesday, June 6, 2012

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल

जिंदगी से न चुराया गया मुझसे एक वो पल
और रोता हूँ  हैं क्या  ये आने वाला कल

सच ही तो हैं की वो नहीं हैं मेरा
वरना क्या हैं जो रोक सकता मुझे जीने से ये पल

ऐ दिल क्या करे ,अब और हम क्या न करे
जो भी था वो अब महसूस हुआ था बस कल

कहाँ जाऊं क्या सुनाओ किस को  मैं अब
डर हैं आज के ये  राज़, हसेंगे मुझ पे दिल खोल के कल

क्यों सोचता हूँ "शफ़क " के क्या सोचूंगा कल मैं इस पल
उससे पहले जीना जरूरी हैं मुझे वो आने वाला कल






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