Sunday, March 7, 2010

मैंने सोचा था की वो मेरे बिन न जी पायेगा

मैंने सोचा था की वो मेरे बिन जी पायेगा
अफ़सोस के मेरी मौत पे ही टूटा मेरा भरम

में करता रहा इन्तेजार के कभी कभी तो वो आएगा
पर गुजरने पे जिंदगी ही टूटा मेरा भरम

हद थी मय्यत पे मेरी उसके आने की उम्मीद
पर जब लगी मेहँदी उन हाथों पे तब ही टूटा मेरा भरम

फिर भी लगा के वो अब भी याद करता होगा मुझको
पर जब उड़े मेरी तस्वीर के पुर्जे तब ही टूटा मेरा भरम

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