अपने गुनाहों से बचता फिरे,
मौला रहम करे -२|
आँखों से दर्द ही दर्द रिसे,
मौला रहम करे -२||
खोमोशी पीछा न छोड़े,
तन्हाई हर पल संग चले।
बीते लम्हे ही जीता हैं वो,
मौला रहम करे -२ ।।
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