गर रहूँ मैं तो तेरा ही बन के रहूँ
खुदा न करे के किसी और का कभी रहूँ मैं
जैसे चाँद रहे धरती से परे और अंधेरों में चांदनी करे
चाहे ऐसे ही रहूँ जैसे चाहें तू वैसे ही रहूँ मैं
खुदा न करे के किसी और का कभी रहूँ मैं
जैसे चाँद रहे धरती से परे और अंधेरों में चांदनी करे
चाहे ऐसे ही रहूँ जैसे चाहें तू वैसे ही रहूँ मैं
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