Saturday, November 9, 2013

बिन कहे - बिन कहे

बादल  की बूंदों के साथ हूँ
इस हवा में नम सा अहसास हूँ
मैं नहीं हूँ तेरे संग मगर
हर पल जी रहा तेरे ही साथ हूँ

बिन कहे - बिन कहे

रात में वो चाँद हूँ जो देखता तुझे सारी  रात हूँ
अमावस में अँधेरे सा पर देता पहरा पूरी रात हूँ
सूरज कि बन के किरण तकता  तेरी खिड़की से तुझे बार बार हूँ

बिन कहे - बिन कहे

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