खुदा न करे के तू तन्हा रहें
जा रहा हूँ मैं के मुझे जाना ही होगा
वक़्त की राह पर , तुम न थकना कभी
न देखना मुड़ के पीछे , तुम्हें मुझे भुलाना ही होगा
रात के छोर पर , जब चले हौसला भी छोड़कर
तुम न घबराना कभी, दिया इक जलना ही होगा
मैं रहू न रहूँ
इस बड़े से जहाँ में , तुम्हे अपना कोई बनाना ही होगा
जा रहा हूँ मैं के मुझे जाना ही होगा
वक़्त की राह पर , तुम न थकना कभी
न देखना मुड़ के पीछे , तुम्हें मुझे भुलाना ही होगा
रात के छोर पर , जब चले हौसला भी छोड़कर
तुम न घबराना कभी, दिया इक जलना ही होगा
मैं रहू न रहूँ
इस बड़े से जहाँ में , तुम्हे अपना कोई बनाना ही होगा
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