मुझे पहचानते हो या नहीं तुम|
मुझे इस कशमकश में न तुम डालो||
तेरी आँखों से ही पायी हैं जिंदगी मैंने,
रहने दो आज चहरे पे न नकाब डालो||
न जाने क्या सोचते हो तुम-2|
अपने ख्यालों से न मुझे बाँध डालो||
में दीवाना हो नहीं सकता,मेरी मजबूरियां बहुत हैं |
मुझे इतना न खीचों-२, के तुम मुझे तोड़ डालो||
पीनी मैंने छोड़ दी हैं,शहर भर को पता हैं |
मुझे महफ़िल में बुला के , "शफ़क" दोराहें पर न डालो||