वक़्त से वक़्त की शिकायत क्या हैं,
कहीं टूटा सपना , कहीं दर्द बेवजह हैं||
वादें से वादाखिलाफ़ी क्या हैं,
कहीं दोस्त छूटे , कहीं खून ही जुदां हैं||
जिंदगी हो मौत तो मौत क्या हैं,
कहीं सकूँ रूह को, कही आखिरी तमन्ना हैं||
आज ही हैं सबकुछ तो कल क्या हैं,
कहीं खुशियाँ तमाम, कहीं वीराना जहाँ हैं ||
सुन्दर प्रस्तुति .....
ReplyDeleteWah! Kya kamal kaa likha hai.."Kaheen khushiyaan tamaam,kaheen veerana jahan hai".
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