Thursday, April 14, 2011

अपनी मौत से , अपनी क्या शिकायत होगी

अपनी मौत से , अपनी क्या शिकायत होगी|
बड़ी देर से आयी हो,अब तो जाने में दिक्कत होगी||

यूँ तो जी रहा हूँ रोज, मैं  हजारों सासें|
जी हैं कितनी, ये बताने में दिक्कत होगी||

आखिरी पलों में आयें हो, इक रस्म निभाने  के लिए|
नज़र तो आता हैं हमें, पर दिल को समझाने में दिक्कत होगी|

खुश रहो मेरे दोस्तों , चला नए सफर पे "शफ़क़"|
हाँ नयें रास्तों को समझने में , कुछ देर तो दिक्कत होगी||











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