अपनी मौत से , अपनी क्या शिकायत होगी|
बड़ी देर से आयी हो,अब तो जाने में दिक्कत होगी||
यूँ तो जी रहा हूँ रोज, मैं हजारों सासें|
जी हैं कितनी, ये बताने में दिक्कत होगी||
आखिरी पलों में आयें हो, इक रस्म निभाने के लिए|
नज़र तो आता हैं हमें, पर दिल को समझाने में दिक्कत होगी|
खुश रहो मेरे दोस्तों , चला नए सफर पे "शफ़क़"|
हाँ नयें रास्तों को समझने में , कुछ देर तो दिक्कत होगी||